काजल से काले पलकों के
किनारे न किया करो
सुर्खी से लाल हौंठ
ओर अंगारे न किया करो
मर जायेगा ' मिलाप '
कभी दिल पे हाथ रख के
तुम आँखों से बार- बार
इशारे न किया करो
.........मिलाप सिंह भरमौरी
किनारे न किया करो
सुर्खी से लाल हौंठ
ओर अंगारे न किया करो
मर जायेगा ' मिलाप '
कभी दिल पे हाथ रख के
तुम आँखों से बार- बार
इशारे न किया करो
.........मिलाप सिंह भरमौरी