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बिन कटारी से भी किस्से खत्म होते हैं । भर न पाएं कभी जो ऐसे जख्म होते है । मत ढूँढो तुम हथियार मेरी चोट का यारो। दुनिया में कुछ नजरों से भी कत्ल होते हैं ।
------- मिलाप सिंह भरमौरी