नफरतें न बढाया करो।
अच्छा है मुस्कुराया करो।
जीने को लिए है यह पल
हर पल जी को आया करो।
गम रोके जो आके कभी
तुम भी गम को चिढाया करो।
जहर लगती हैं खामोशियां
कहर इतना न ढाया करो।
कद्र बढ जाएगी देखना
तुम भी बातें बनाया करो।
याद करके गए वक्त को
यूं न आँसू बहाया करो।
..... मिलाप सिंह भरमौरी