चलने से टिकती है
और रुकने से गिर जाती है।
यह जिंदगी बिना स्टैंड की
साईकिल है।
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milap singh
Saturday, 17 March 2018
Saturday, 10 March 2018
वक़्त जुदाई का
दिल धीरे - धीरे घवरा जाता है।
जब वक़्त जुदाई का आ जाता है।
पल साथ बिताए याद आते हैं
और आंखों में पानी आ जाता हैै ।
क्यों खुशियां हर पल देता नहीं है
क्यों कहर खुदा ये ढा जाता है।
दिन की है बस चहल- पहल सब
शाम होते ही अंधेरा छा जाता है।
....... मिलाप सिंह भरमौरी
Friday, 9 March 2018
एक वक़्त था
बीत गया वक़्त जो साथ गुजारा था।
जब हर दिन हर लम्हा प्यारा था।
हमेशा न थी विरान यह जिंदगी अपनी
एक वक़्त था जब अपना जहां सारा था।
...... मिलाप सिंह भरमौरी
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