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पल भर ही सही लेकिन
वाह! क्या समा बन आया था।
दिल के हर कोने में जैसे
खुशियों का रंग छाया था।
जी करता है कि
जिंदगी भर न छूटने दूँ उसको।
अपने हाथों से मेरे गालों पर
कल तुमने जो रंग लगाया था।
..... मिलाप सिंह भरमौरी
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