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यह मजदूर नहीं आते सड़कों पर
जब तक रोजी - रोटी चलती रहे
पर जब छीनने लगे सरकार नौकरी
तो खुद ही बताओ यह क्या करें???
तेरे वगैर जिंदगी
सूनी सी लग रही थी।
बोझिल से पल थे सारे
मुश्किल हर घड़ी थी।
आने से घर में तेरे
फिर से रौनक सी आ गई है।
सांसे फिर से चल पड़ी हैं
पहले जो रुक चली थीं।
....... मिलाप सिंह भरमौरी