milap singh

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Thursday, 20 June 2019

तेरे बगैर

तेरे वगैर जिंदगी 


सूनी सी लग रही थी।

बोझिल से पल थे सारे 


मुश्किल हर घड़ी थी।

आने से घर में तेरे


फिर से रौनक सी आ गई है।

सांसे फिर से चल पड़ी हैं


पहले जो रुक चली थीं।

....... मिलाप सिंह भरमौरी 

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