milap singh

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Thursday, 18 February 2021

दीवारों के कान

कुछ पल के बाद
सब कुर्सियों पर सो जाते हैं।
अब मेरे शेर लोगों को नहीं भाते हैं।
पर इत्मीनान है इस बात का
के दीवारों के भी कान होते हैं
इसलिए चलो दीवारों को ही शेर सुनाते हैं।


..... मिलाप सिंह भरमौरी

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