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milap singh
Tuesday, 1 January 2013
यह सांसे युहीं चलती नहीं
यह सांसे युहीं चलती नहीं चलाने वाला जरुर है कहीं उसका वजूद जरुर है सच कहते भी है 'मिलाप' कई अगर उसको झूठ कहते है तजुरबे में होगी कहीं कमी हमको तो वो ही दिखता है चाहे देखें फलक या जमीन शायद वो हो आस-पास ही देखो तुम इधर-उधर अभी मिलाप सिंह
jarur hain ....
ReplyDeleteनव वर्ष मंगलमय हो,.सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
ReplyDeleteउसके होने का एहसास हर पल है.....
ReplyDeleteअच्छे भाव...
अनु