आप आयें तो हवाओं में लहर होती है
घटा बरसती है धरती पे महर होती है
कितनी मौजों को मेरे संग कर देते है
फीकी तस्बीर में प्यारे रंग भर देते है
आपके बिन जिन्दगी अधूरी होती है
दुनिया में बस अँधेरा ही अँधेरा है
दीखता तो कुछ नही कहने को सबेरा है
आप आयें तो मेरी भी सहर होती है
फूल -पत्ते -कलिय़ां खिल जाती है
खोई हुई खुशिया सब मिल जाती है
देखने वाली 'मिलाप' ये दहर होती है
मिलाप सिंह
सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति मरम्मत करनी है कसकर दरिन्दे हर शैतान की #
ReplyDelete