milap singh

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Friday, 22 March 2013

माओ रा प्यार (gaddi boli ki kavita )




सब्बी तोउ चनना
सब्बी तोउ निराला
सब्बी तोउ मिट्ठा 
माओ रा प्यार
इट्ठी हा कशी 
इट्ठी हा सुरग 
इट्ठी हा मनुआ 
हरी रा द्वार

मुसुकेहे बशाना जो
खुशबू बल्दी
बच्चे जो हुक्के 
कनारे करदी
सिन्ने मा अपने 
बरेख्खा जो धरदी 
दिन्दी माँ बच्चे जो
अमृत री धार
सब्बी तोउ चनना
सब्बी तोउ निराला
सब्बी तोउ मिट्ठा 
माओ रा प्यार

जेहने माँ बच्चे जो
उदास हेरदी
 टिपले सोगी 
हाखरी जो छेडदी 
कदी सो कोई काडू पिलान्दी
कदी मुंडा पुर 
पिपली परेडदी
पल्ला मंज करदी सो
टूने हजार 

सब्बी तोउ चनना
सब्बी तोउ निराला
सब्बी तोउ मिट्ठा 
माओ रा प्यार


milap singh bharmouri

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