milap singh

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Sunday, 31 March 2013

समान अवसर नही था


वो कहता है
मेरा बच्चा काबिल था
कामयाबी पा गया है 
मै कहता हूँ खुशनसीब था 
मौके का फायदा उठा गया है

जब उसका बच्चा 
आखर ज्ञान सीख रहा था 
मेरा बच्चा
दुनिया की नजरें पढ़ रहा था
कटोरे में भीख मांग रहा था

जब वह मौसम से बेखबर
बंद कमरे में सो रहा था
तब मेरा बच्चा 
झुग्गी में 
सर्दी -गर्मी , तूफान -ओले से
बाकिफ हो रहा था

जब तेरा बच्चा 
रोज-रोज महंगे -महंगे 
खिलौने मांगता था
तब मेरा बच्चा 
कूड़े के ढेर में 
कोई खजाना खोजता था

अरे ! तू बोलता है
यहाँ अवसर की समानता है
तू क्यों झूठ पे झूठ बोलता है
मेरा बच्चा तो स्कुल जा ही न सका
और तूने माया के बल से लिया पढ़ा 

फिर ये कैसी समानता है
समझ नही आता ये कैसी अज्ञानता है
मुझे यकीन है मेरा बच्चा तेरे बच्चे से 
कहीं ज्यादा चतुर था 
पर अफ़सोस ! 
दोनों के लिए 
जिन्दगी का 
समान अवसर नही था 




मिलाप सिंह भरमौरी

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