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कुछ भी नहीं नामुमकिन अगर इस जहान में!
तो मिटती क्यों नहीं गरीबी मेरे हिन्दुस्तान से!!
क्या सच में है हकदार हम अपने इस हाल के!
या कोई कमी है कहीं पे मेरे सियासतदान में!!
~ milap singh bharmouri ~
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