रंग - बिरंगे इस धरती पर
फूल प्यारे सजते हैं।
काले- काले बादल जब
पानी बन के बरसते हैं।
आँखे मन करते हैं आँसू
पर फिर भी ठंडक मिलती है।
सच तेरी यादों के पल मुझको
वो अब भी प्यारे लगते हैं।
....... मिलाप सिंह भरमौरी
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रंग - बिरंगे इस धरती पर
फूल प्यारे सजते हैं।
काले- काले बादल जब
पानी बन के बरसते हैं।
आँखे मन करते हैं आँसू
पर फिर भी ठंडक मिलती है।
सच तेरी यादों के पल मुझको
वो अब भी प्यारे लगते हैं।
....... मिलाप सिंह भरमौरी
पल भर ही सही लेकिन
वाह! क्या समा बन आया था।
दिल के हर कोने में जैसे
खुशियों का रंग छाया था।
जी करता है कि
जिंदगी भर न छूटने दूँ उसको।
अपने हाथों से मेरे गालों पर
कल तुमने जो रंग लगाया था।
..... मिलाप सिंह भरमौरी
मेहनत तो कर्म है तेरा
फिर किसलिए परेशान हो।
नीरस - सा लगेगा जहान
मंजिल अगर आसान हो।
कुछ तो सिखा के जाएंगी
यह रुकावटें भी राह की।
प्रयास एक ओर जारी रहे
जब तक जिस्म में जान हो।
.......मिलाप सिंह भरमौरी।