milap singh

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Saturday, 23 November 2019

सफर



खाली नहीं है हम जी 

हम भी काम करते हैं।

पलकों के चौराहे पे

सपनों की दुकान करते हैं।

बेसफ़र के पाँव में तो

कभी शाले नहीं होते

यह उनकी है कमी जो

मंजिल को सलाम करते हैं।

मिलाप सिंह भरमौरी





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