मेरे मन को हल्का करती है
जब कुदरत रंग बदलती है।
तुम भी तो कुदरत का हिस्सा हो
तू भी इक सुंदर दिल रखती है।
तेरा गुस्सा तपता सूरज है सिर्फ
मुझसे ठंडी चांदनी रातें कहती हैं।
तेरा भी मन बदलेगा जरूर
मेरे दिल से उम्मीदें कहती हैं।
....... मिलाप सिंह भरमौरी
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