milap singh

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Saturday, 25 August 2018

हालत



कुछ दूर चलते हैं

फिर कदम रुक जाते हैं

मेरी मजबूरियों में सब

ख्वाब बिक जाते हैं।

वो सामने आते हैं तो

मिलते हैं बड़ी हमदर्दी से।

मगर पीठ पीछे जाते ही

मेरी हालत पे हँस जाते हैं।

....... मिलाप सिंह भरमौरी

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