अपनी मंजिल की तरफ
अपनी मंजिल की तरफ रुख करें
साँस तो है अभी और कुश चलें
मिल जाएगी जरूर मक्सुदे मंजिल
इरादा कर के अगर तरफ बढें
सारी दुनिया में जो रोशन रहे
आओ दुनिया में काम ऐसा कुछ करे
प्यार में इतना तो लाजमी है मिलाप
दर्द सहते रहे हम और चुप रहें
आने वाला कल ही तो नई आस है
बीते कल का क्यों हम दुःख करें
MILAP SINGH
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