milap singh

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Friday, 12 July 2013

अदा-ए-हँसी

असर ऐसा हुआ है
अदा-ए-हँसी का 
के कारवां चल पड़ा है
साथ ख़ुशी का

जैसा चाहा था वैसा 
हमसफर दिया है
शुक्र कैसे करूं 
अदा मै नवी का

है सबसे जुदा 
वो मेह्बूव मेरा 
जैसे हिस्सा न हो
वो इस जमीं का 

वयां क्या करूं 
मै त्वसुम उसका
जैसे खिला हो गुल
अभी के अभी का 

असर ऐसा हुआ है
अदा-ए-हँसी का 
के कारवां चल पड़ा है
साथ ख़ुशी का



.....मिलाप सिंह भरमौरी

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