नश्तर चुभोये जाते हो
बाते बनाये जाते हो
रौशनी के बहाने से
मेरा दिल जलाये जाते हो
मेरी किसी हरकत
से चेहरे पे शिकन
बड़े अंदाज से
ये अदा भी दिखाए जाते हो
कभी गुस्से से देखना
कभी प्यार से देखना
उफ़ हर नजर में
दीवाना बनाये जाते हो
वक्त -ए- रुखसत तेरा
नये अंदाज से अलविदा
उंगलिओं के इशारों पे
हमको नचाये जाते हो
नश्तर चुभोये जाते हो
बाते बनाये जाते हो
रौशनी के बहाने से
मेरा दिल जलाये जाते हो
.....मिलाप सिंह भरमौरी
बाते बनाये जाते हो
रौशनी के बहाने से
मेरा दिल जलाये जाते हो
मेरी किसी हरकत
से चेहरे पे शिकन
बड़े अंदाज से
ये अदा भी दिखाए जाते हो
कभी गुस्से से देखना
कभी प्यार से देखना
उफ़ हर नजर में
दीवाना बनाये जाते हो
वक्त -ए- रुखसत तेरा
नये अंदाज से अलविदा
उंगलिओं के इशारों पे
हमको नचाये जाते हो
नश्तर चुभोये जाते हो
बाते बनाये जाते हो
रौशनी के बहाने से
मेरा दिल जलाये जाते हो
.....मिलाप सिंह भरमौरी
.बेहतरीन अभिव्यक्ति .आभार आगाज़-ए-जिंदगी की तकमील मौत है .आप भी पूछें कैसे करेंगे अनुच्छेद 370 को रद्द ज़रा ये भी बता दें शाहनवाज़ हुसैन .नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN हर दौर पर उम्र में कैसर हैं मर्द सारे ,
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