milap singh

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Thursday, 11 July 2013

नश्तर चुभोये जाते हो

नश्तर चुभोये जाते हो
बाते बनाये जाते हो
रौशनी के बहाने से 
मेरा दिल जलाये जाते हो

मेरी किसी हरकत 
से चेहरे पे शिकन 
बड़े अंदाज से
 ये अदा भी दिखाए जाते हो

कभी गुस्से से देखना 
कभी प्यार से देखना 
उफ़ हर नजर में 
दीवाना बनाये जाते हो 

वक्त -ए- रुखसत तेरा
नये अंदाज से अलविदा 
उंगलिओं के इशारों पे
हमको नचाये जाते हो 

नश्तर चुभोये जाते हो
बाते बनाये जाते हो
रौशनी के बहाने से 
मेरा दिल जलाये जाते हो



.....मिलाप सिंह भरमौरी

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