milap singh

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Tuesday, 16 January 2018

लगन बनेगी सबल जीत की

चारों ओर दिवारे हैं ।
कुछ लम्हें मीठे खारे हैं।

उलझ गया है किस उलझन में
पतझड के बाद बहारें हैं।

जीत हुई है उनकी अक्कसर
जो कई मर्तवा हारे हैं।

रहता नहीं अँधियारा हमेशा
हर रात के बाद उजियारे हैं।

इक लगन बनेगी सबल जीत की
बाकि सब झूठे लारे है।

...... मिलाप सिंह भरमौरी

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