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मैं अक्सर सोचता हूँ तन्हाई में कि यह बातें करूंगा तुमसे
खुल कर कह दूँगा हर बात कल सुबह जब मिलूंगा तुमसे
पर फिर चुप रह जाता हूँ मैं रोज की तरह यह सोचकर कि
अगर खफा हो गई मुझसे तो फिर किस तरह मिलूंगा तुमसे
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
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