फिर आया अजनबी कोई याद मुझे
फिर मिला कोई वर्षों के बाद मुझे
फिर हुई जीने की तमन्ना मुझको
फिर मिला जिंदगी का साज मुझे
फिर मेरी धडकनो को रफ्तार मिली
फिर छू गया दिल से कोई आज मुझे
फिर मिली मुझको इक नूरे छपक
फिर मिला कोई हसीन आफताब मुझे
फिर से जिंदगी को मैंने पहचाना है
फिर मिला जीने का कोई राज मुझे
------- मिलाप सिंह भरमौरी
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