milap singh

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Tuesday, 12 August 2014

दिमाग की बत्ती


दिलो दिमाग की
बत्ती गुल हो जाती है

परिस्थिति जब भी
टेंशन से फुल हो जाती है

छोड देते हैं हम भी
सब फिर उस रव पर

सारी की सारी चिंता
पल में गुम हो जाती है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

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