A place for original Hindi shayari sad shayari romantic shayari hindi kavita and pahari kavita of milap singh
मोहावत को जताने के लिए कब लफ्जों की जरूरत रहती है
यह तो है खुश्बू की तरह इसे नजरें भी अच्छे से कहती हैं
इसकी जद में आ कर के सब खोए खोए से मस्ती में रहते हैं
इसमें उलझे हुए को फिर कब दुनिया की खैर खबर कुछ रहती है
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
No comments:
Post a Comment