milap singh

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Wednesday, 18 February 2015

नाराज होते हैं

जिनसे उम्मीद होती है
उनसे ही नाराज होते हैं

वरना ऐसे वैसे तो
दुनिया में हजार होते हैं

अब मुझको खूब भाता है
तेरा रूठ जाना भी

बस इक तेरे बगैर के पल
बडे ही बेकार होते हैं

---- मिलाप सिंह भरमौरी

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