मत बनो इतना भी
अजनबी कि
उम्मीद का चिराग भी
बुझा दें हम
थाम रखा है मुश्किल से
चूर चूर दिल यह
कि शन से जमीन पर
इसे गिरा दें हम
तुम्हें नहीं पता
क्या हो तुम हमारे लिए
हर चीज से बढकर हो
तुम हमारे लिए
बस एक बार
मिल जाओ तुम हमें जो तो
फिर न मांगेंगे कुछ भी
तेरी कसम खुदा से हम
---- मिलाप सिंह भरमौरी
शुक्रिया जी
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