milap singh

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Thursday, 21 December 2017

सडकों पे लगाते नारे लोग

दुनिया में बहुत नजारे देखे।
चांदनी रात में तारे देखे।

जो दिल को चीरते जाते थे
ऐसे भी बहुत इशारे देखे।

नदियां शहद मिलाती रहतीं
समुंद्र फिर भी खारे देखे।

दुनिया को दीया दिखाने वाले
वो खुद के आगे हारे देखे।

जिनको मसले मालूम न थे
वो भी सडकों पे लगाते नारे देखे।

....... मिलाप सिंह भरमौरी

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