milap singh

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Sunday, 31 December 2017

दो हजार अठारह



दो हजार अठारह

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चमक उठे किसमत का सितारा।

हर दिन हो सबका प्यारा प्यारा।

खुशियां  पल  पल  आती  जाएं

गम जीवन के  हो नौ दो ग्यारह।

रौशन  हो  हर   दिशा  सोच  की

मिटे अँधकार इस मन का सारा।

मन   का  भेद  न  बने  किसी से

फले   फुले  स्वच्छ जीवन धारा।

विपत न आए कोई इस धरती पे

मंगलमय  हो दो  हजार अठारह।

            ~मिलाप सिंह भरमौरी~

मेरी और से आपको और आपके परिवार को नव वर्ष दो हजार अठारह के आगमन की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई। नया वर्ष आपके लिए मंगलमय हो।

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