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Hindi shayari
जब मौसम ने चलाया वर्षा यंत्र । सब गर्मी हो गई पल में छू -मंतर ।। लोग यूंही सहनशीलता खो देते हैं । कभी रुका है क्या कुदरत का तंत्र ।।
--------- मिलाप सिंह भरमौरी
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