भारत ने ही तो बांटा है
सब दुनिया को ज्ञान
यूंही नहीं कहते इसे सब
भारत देश महान
जब छंद में लिख रहे थे हम
वो साहित्य से थे अंजान
हमारे वेद अनूठे हैं
है अनमोल बहुत ही पुराण
दर्शन की तो बात ही क्या
था उत्कृष्ठ बडा ही विज्ञान
मिलजुल कर रहना इक दूजे से
है पुरातन हमारी पहचान
वरना देख लो दूजे देशों को
ले रहे हम मजहब के प्राण
----- मिलाप सिंह भरमौरी
No comments:
Post a Comment