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बादल न रोक पाएंगे पानी को अपने पास
आंखें न रोक पाएंगी आंसू को अपने पास
शिद्दत कितनी है यहां किसी की प्यास में
छम से बरस जाएगें जब होगा उन्हें एहसास
------- मिलाप सिंह भरमौरी
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