जमीन का टुकडा पास नहीं है
और नौकरी भी कोई हाथ नहीं है
बनाएंगे क्या कल सुबह नाश्ता
इस चिंता में कटती रात नहीं है
बहुत बडे वर्ग का हाल है ऐसा
बस दो चार की यह बात नहीं है
इसका कारण क्या है पता नहीं पर
कहते हैं कि किस्मत साथ नहीं है
हर मजहब में ही यह बसती है
गरीबी की कोई खास जात नहीं है
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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