हौसले को हवा दे इसे हताश न कर
बेकार रखकर खुद को लाश न कर
अंजाम कब्र से ज्यादा कुछ भी नहीं
गलतफहमी में खुद को खास न कर
खत्म हो जाए न अंदर की हवा सब
कि इस कदर भी लम्बी सांस न भर
जो करते हैं मेहनत नाकाम भी होते है
नाकामियों से खुद को उदास न कर
------- मिलाप सिंह भरमौरी
No comments:
Post a Comment