यह दुनिया तो बडी खूबसूरत है
फिर किस लिए उदास हो तुम
कुछ नहीं कर पाएगा अंधेरा
तुम्हें पता नहीं चिराग हो तुम
खुद कदम चूमेगी मंजिल तेरी
बस कदम उठाने की ही है देरी
हर बुलंदी जिसके नीचे होगी
वो खूबसूरत हसीन ताज हो तुम
---------- मिलाप सिंह भरमौरी
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