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अपने हालात के बारे में मैं जब भी सोचता हूँ
भूल जा उसको तू अब अपने दिल से बोलता हूँ
नजरअंदाज कर देता हूँ इजहार - ए- मौहब्बत को
अपने जज्बातों को बेबसी की मिट्टी में रोलता हूँ
------ milap singh bharmouri
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