milap singh

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Thursday, 31 July 2014

प्यार का समुंदर

इसकी  गहराई  को भला
कब  कोई  भांप  पाया  है

अथाह  है  प्यार  का  समुंदर
इसे  कौन  माप  पाया  है

खुद खिंचता ही गया है फिर
चुम्बक  की  तरह  इसकी  ओर

अनजाने  में  ही  बेशक
जो  भी  इसके  पास  आया  है

      ----- मिलाप सिंह भरमौरी

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