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जमीं पर ही खुश रहूंगा अगर आकाश न मिले
वो दौलत किसलिए अगर सुख की सांस न मिले
बस इतनी सी इल्तिजा है मेरी तुमसे ऐ! खुदा
कि मेरी वजह से दुनिया में कोई उदास न मिले
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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