milap singh

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Monday, 15 December 2014

तन्हा रहना ठीक नहीं


हर पल तन्हा रहना ठीक नहीं है
जरा लोगों से भी कुछ मिला करो

क्यों मुरझाए मुरझाए रहते हो
कभी फूल बन कर भी खिला करो

गर तारीफ किसी की मुमकिन नहीं
तो अगल बगल में तुम गिला करो

पर ये तेरा तन्हा रहना ठीक नहीं है
जरा लोगों से कुछ मिला करो

       ------ मिलाप सिंह भरमौरी

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