milap singh

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Friday, 19 December 2014

Nhaunga nhi

खुली किताब है जिंदगी अपनी
मैं कुछ भी छुपाउंगा नहीं

इस बर्फ जैसे पानी को
लेकिन हाथ लगाऊंगा नहीं

अगर आए किसी को बदबू
तो बेशक न बैठे मेरे पास

लेकिन इतनी सर्दी में मैं
अभी कुछ ओर दिन नहाऊंगा नहीं

----- मिलाप सिंह भरमौरी

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