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घडी तो कोई भी पहन लेता है हाथों में
समय का पाबंद मगर कोई ही होता है लाखों में
दिल भी होना चाहिए अंदर से मिसरी की तरह
सिर्फ मिठास ही नहीं होनी चाहिए बाहरी बातों में
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