milap singh

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Thursday, 11 September 2014

रूप में


कुछ खास बात है जरूर
इस तेरे रूप में

यूहीं नहीं रहता मैं खडा
तेरे लिए धूप में

कुछ तो सिला मिले जालिम
इस मेरे प्यार का

रोज पैसे चुरा के आता हूँ मैं
बापू के संदूक से

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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