milap singh

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Sunday, 14 September 2014

दूर रहने से


प्यार दूर रहने से
ओर भी बढ जाता है

हर घडी साथ रहे तो
सिर खाता है

जान निकल जाती है फिर
चढने और उतरने में

दूर से तो पर्वत
सबको खूब भाता है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

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