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स्थिर पडे हुए पानी में ही तो अपना असली चेहरा दिखता है
जरा सा इसमें कंकड पड जाए तो सब कुछ विकृत लगता है
अगर सच में रव को पाना है तो मन की स्थिरता जरूरी है
अस्थिरता की स्थिति में यहां किसी को नहीं कुछ मिलता है
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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