milap singh

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Saturday, 22 November 2014

Namkeen


कुछ मीठी
कुछ नमकीन लगती है

तू साथ हो तो
जिंदगी हसीन लगती है

तुझको देखूँ तो
उडान भरती हैं उम्मीदें

और तू औझल हो तो
पंखविहीन लगती है

--- मिलाप सिंह भरमौरी

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