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सब उसकी बिछाई बिसात है कोई समझता है सब उसके हाथ है
हर हरकत पे है पूरी उसकी कमान उसकी मर्जी से बनती हर बात है
मालिक है वो इस सारे जहाँ का हर इंसान जर्रा उसका दास है
पल का नहीं है पर कोई भरोसा बेशक चल रही अभी पूरी सांस है
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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