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खुदगरजों से मोहब्बत कैसी खुदगर्ज तो अपनी ही सोचेंगे
अगर इससे हो मुनाफा इनका तो तुझे मरने से भी क्यों रोकेंगे
सुन तेरी मोहब्बत का उन्हें जरा भी एहसास नहीं होगा
वो तो सिर्फ मूर्ख कहेंगे तुमको और खिलखिला कर ताली ठोकेंगे
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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