milap singh

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Wednesday, 26 November 2014

हाल दिल का

हाल अपने दिल का
मैं तुम्हें सुना नहीं पाता हूँ

जो सोचता रहता हूँ हरपल
होंठो तक ला नहीं पाता हूँ

बेशक बहुत मोहब्बत है
तुम्हारे लिए मेरे इस दिल में

पर पता नहीं क्यों तुमको
फिर भी मैं बता नहीं पाता हूँ

----- मिलाप सिंह भरमौरी

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