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मना लेना हमें तुम कभी भी रूठने मत देना
थामा है हाथ मेरा जो कभी भी छूटने मत देना
कि जान से ज्यादा यकीन करते हैं हम तुम पर
तुम भी यह भरोसा हमारा कभी टूटने मत देना
----- मिलाप सिंह भरमौरी
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