आंसुओं को रोक कर
क्या मिला है आपको आंसुओं को रोक कर
कर ली खराब जिन्दगी बेसबव सोच कर
कितने ही हो चुके बर्बाद सोच सोच में
अब भी कुछ वक्त है अब भी कुछ गौर कर
गये हुए वक्त को बार बार सोचना क्या
जीना हो जहाँ में तो जिओ दिल खोलकर
मेरे लिए जो गलत है तेरे लिए वो ठीक है
गलत ठीक का न तू हर घड़ी मापतोल कर
ये दिल है शीसे का दरार तो रहेगी ही
कितने दिन जिओगे दिल के पुर्जे जोडकर
आपकी ही बात नही हमने भी धोखे खाए है
जिसे भी मेने दिल दीया चले गये तोडकर
milap singh
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